Home जयपुर साहित्य समाज को परिष्कृत करता है-आफरीदी

साहित्य समाज को परिष्कृत करता है-आफरीदी

रेनू शब्द मुखर संपादित लघु कथा संग्रह ‘‘दमकते लम्हे‘‘ का लोकार्पण

 

जयपुर, 7 अगस्त। वरिष्ठ साहित्यकार एवं मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी ने कहा कि साहित्य सामाजिक विद्रूपताओं और विसंगियों पर प्रहार कर समाज को परिष्कृत करता है।
आफरीदी रविवार को सम्पर्क संस्थान के तत्वावधान में रेनू शब्द मुखर द्वारा सम्पादित लघु कथा संग्रह-‘‘दमकते लम्हे‘‘ के लोकार्पण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। संग्रह में 125 देशी-विदेशी हिन्दी कथाकारों की लघु कथाएं सम्मिलित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि लघु कथाएं हमारे जीवन का आइना हैं। इस संग्रह में समाज के सुख-दुःख, विषाद, यंत्रणाएं, भेद-विभेद, असमानता, असहिष्णुता और प्रेम, सौन्दर्य प्रकृति के साथ जीवन की बदलती शैली और संस्कारों को समाहित किया गया है। विशेष रूप से नारी जीवन के विविध पक्षों को इसमें रुपायित किया गया है, जो पठनीय और नया दिशाबोध कराने वाला है।
संकलन में तीन पीढ़ियों के प्रतिनिधियों की रचनाएं शामिल करना युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगा। आफरीदी ने कहा कि रेनू ने संग्रह की कथाओं का बहुत सूझबूझ से चयन कर अपने संपादन कौशल का परिचय दिया है।
हिन्दी प्रचार-प्रसार संस्थान के अध्यक्ष, डाॅ. अखिल शुक्ला ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सम्पर्क संस्थान साहित्य के प्रति रुचि जगाने से लेकर उन्हें प्रकाशन के माध्यम से सामने लाने में महती भूमिका निभा रहा है। संस्थान सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी है। डाॅ. शुक्ला ने दमकते लम्हे संग्रह की कुछ लघु कथाओं को रेखांकित किया और कहा कि वे समाज को नया संदेश देने वाली हैं। मुख्य अतिथि संस्कृत विभाग की संयुक्त निदेशक डाॅ. शालिनी ने कहा कि पुस्तक पढ़ने के खत्म होते दौर में सम्पर्क संस्था द्वारा इस प्रकार साहित्य को प्रोत्साहित करने का उपक्रम अपने आप में महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘‘दमकते लम्हे‘‘ कथा संग्रह की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और संपादक रेणू शर्मा और लघुकथा लेखकों को बधाई दी।
प्रारम्भ में आरती भदौरिया ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। सम्पर्क संस्था के अध्यक्ष अनिल लढा ने बताया कि वे रचनात्मक साहित्य को प्रकाशमान करने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं और इससे देश भर में साहित्यकारों का जुड़ाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा बेटियों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए उन्हें गोद लेकर पालन-पोषण एवं विवाह हेतु भी निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में संपादक रेनू शब्द मुखर को हिन्दी प्रचार प्रसार संस्थान एवं संपर्क संस्थान द्वारा उत्कृष्ट लेखन एवं संपादन के लिए साहित्य श्री अवार्ड से नवाजा गया।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार नन्द भारद्वाज, सुपरिचित कवि टीकम अनजाना, वरिष्ठ लेखिका आर पंवार, क्रेडेन्ट टी.वी. के महानिदेशक सुनील नारनौलिया, पूर्व जनसम्पर्क संयुक्त निदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी, सम्पर्क संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव विनायक सहित बड़ी संख्या में साहित्य शिल्पी मौजूद थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन कथाकार विजय लक्ष्मी जांगिड़ ने किया। अंत में वरिष्ठ उपाध्यक्ष विमल चैहान ने आभार ज्ञापित किया।
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